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serial
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Posted on 09-18-08 1:44
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~ * चौतारी-१२९*~
हाँसो ठट्टा र खुसी बाँड्दै, र मुक्तक, कविता, गजल, कथा आदिमा रमाउँदै अनेकन उकाली ओरालीहरु पार गरेर हामी चौतारीको १२९ औं संस्करणमा आइपुगेका छौं।अहिले यस चौतारी सिमाना पूर्व मेचीबाट बढेर जापानसम्म पुगेको छ भने पश्चिम महाकालीबाट बढेर अमेरिकासम्म बढेको छ।अत एव, सधैं घाम लागिरहने पनि यस चौतारीको विशेषता हो। यस्तो चौतारीमा पाल्नुहुने तपाईंहरुलाई कोटी कोटी स्वागत छ।
जात,धर्म्,लिंग,राजनिति,भाषा,ब्यक्तिगत रिसइबी जस्ता कुरालाइ तिलाञ्जली दिएर मात्रै 'हामी नेपाली हौ' भन्ने र एकआपसमा मित्रभावले रामाइलो गर्न आउनेहरुलाइ चौतारीको बर-पिपल ले हार्दिक स्वागत गर्दछ !
Meet the world's finest school teachers, unbeatable students, mischievous senior citizens, wildest , vacationing revolutionaries, rethinking moderates, instant dreamerspoets, gifted story-tellers, pot smokers, alcoholics, workoholics, home-makers, pretty damsels, fierce contenders, homelanders,
laa- hoo-rays, all on the stage of Chautari of Sajhaland
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Birkhe_Maila
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Posted on 09-23-08 2:17
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जेष्ट भ्रातास्य चिलिम ब्रेक बिधि ब्याख्य अध्याय:
एत चौतारी नगरस्य सर्व जेष्ठ भ्राता हस्तस्य स्वेत लम्ब धुम्र चुसिका ग्रहणन्ति मुखारवृन्दभ्यामि मुसुमुसु हँसियन्ति द्वारानि बाहिरानि लुसुक्किएन्तु। ततपश्चात म्लेक्षस्य देसस्य बनन्ति लाइटर नामस्य अग्निप्रज्जवल्लक प्रज्जवालानि तथा श्वेत लम्ब धुम्र चुसिका सल्कयान्ति। एक लम्ब पफ मुखस्य बाटो फोक्सस्य घुसाइन्ती केहि मुमेन्ट घोरियन्ति तथा ठुसुक्क मुख पारन्ति ततपश्चात फोक्सेन धुम्र फिर से मुखस्य बाटो बाहिरस्य फालन्ती और अपुष्ट स्वरस्य मुखरावृन्दस्य तारेमाम जपन्ती! ततपश्चात भुतकाल तथा वर्तमानकाल बिचरयन्ति, कहिले मरुहिटि पुगन्ति त कहिले लौहपथगामि सवार भइ इलाहाबाद पुगन्ति, युवाअवश्था बिचारयन्ति और लम्ब निश्वास फेरन्ती। यथेस्ट भुत बिचार तथा धुम्र फोक्सेन ग्रहणपश्चात अंगुलिश्य च्यापन्ति ठुटो फुत्त फालन्ति तथा एन समयेन सुरु भएल उदरस्य गुडुगुडुस्य ध्यानम जावन्ति त छिटोछिटो शौचालय घुसियन्ती। केहि समयभित्रानि चौतारी नगरस्य आवति संभावना अबस्तु।
लोलम!
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serial
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Posted on 09-23-08 2:29
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लोल जिम्बाल लोल
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crazy_love
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Posted on 09-23-08 2:50
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चौतारी गावस्य एक दिनम् च्याङ्बा नामकम मनुस्यम अचानकम गायब भबन्ती। मोइच्याङ सबै ठाँउस्य खोजन्ती, न भेटन्ती। अनी नेपाल्स्य ग्रीहमन्त्री बामदेवस्य टेलिफोन्स्य आदेश गिवन्ती। उधरस्य ग्रीहमन्त्रिस्य अधक्ष्यतस्य एक खोजबिन टोली भबती। बल्ल बल्ल एउटा थोत्रो च्यङ्बास्य जुत्ता भेटन्ती, त्यस्पछि कति दिन पछिस्य अर्को पनि भेटन्ती। परन्तु दिपिका नामस्य लेखिकास्य जुत्तास्य च्याङ्बाको नभएको भवन्ती। किन भने दिपु च्याङ्बा बुट लाको देखन्ती। फेरि अप्ठ्यारो परन्ती, खोजबीन जारी भवन्ती।
एकदिन मोच्याङस्य ग्रिह बाहिर "मोइच्याङ्" भनेर कसैले बोलावती। मोइच्याङ बाहिर आवती तो कोहि नदेखन्ती, मोइच्याङ छक्क परन्ती "कस्ले" बोल्यायो भनेर हेरन्ती हेरन्ती। अगाडी एकस्य च्याङ्रा नेत्रस्य अस्रु बर्सायन्ती बर्सायन्ती। त्यस पछि, मोइच्याङ सोधन्ती "हे च्याङ्रा, किन रोवन्ती?"
"अहम् च्याङ्बा भवन्ती, मोइच्याङ।"च्याङ्रास्य स्वर दुरुस्तै च्याङ्बास्य भवन्ती।
"कसरी च्याङ्रा स्पीक्स् लाइक च्याङबा।" भनेर मोइच्याङ उल्टो च्याङ्रस्य प्रश्न करोति। त्यस पछि च्याङ्रा कथास्य भनोति।
"एकस्य राति अहम् दोल्मास्य झ्यालबाट हाम्फालम्, उक्त समस्य, दोल्मास्य पीताश्री देखम् अनि क्रोधस्य श्राप देवती।अस्य श्राप मेड मी च्याङ्रा।"
मोइच्याङ पनि अतिस्य रोवोन्ती अस्य्स कथा सुनेपछि।
"हे मोइच्याङ! अहम् च्याग्बा फिर से च्याङबा बन्नेको दिल करोती। प्लिज हेल्प मी।"
त्यस पछि मोइच्याङ सजेस्ट करोती। " गो ब्याकस्यम् टो डोल्मास्य पीताश्री अनि माफम् मागोती।"
"अस्य सम्भव नभवती" च्याङ्रा फेरि डाँको छोडकर रोवोती अनि रोवोती।
"किनम् सम्भव नभवती च्याङ्रा?" मोइच्याङ उदाश भवती।
"किनकि दोल्मास्य पीताश्री अलरेडि परलोकम शिधारोम ह्वाँSSSSSSSS ह्वाँSSSSSSS ह्वाँSSSSSSSSSS"
हे चौतारिस्य सदस्यम्!अब च्याङ्राको चयाङ्बा मा कसरी परिबर्तन् करोती????????
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serial
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Posted on 09-23-08 2:59
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के गर्ने गर्ने छु याउ छु याउ का मोइच्याङ को दु:ख को कुरा पनि सुनयन्ती, हासो उठयन्ती पेट मिची मिची हसयन्ती, अब कसरी च्याङ्राको चयाङ्बामा फेरियन्ती भन्ने बात को बिर्खे बुढा ब्याख्या गरियन्ती
हामी लोल लोल गरी हसयन्ती - बङरा दुखयन्ती
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Birkhe_Maila
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Posted on 09-23-08 3:04
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लोलम्! नट वनलि लोलम एक्चुअल्लिस्य रोटफलम!
एतेन अहम् मैच्याङस्य प्रश्नस्य उत्तर दियति-
१) एक तरिकम-- उक्त च्याङ्गरास्य निकट आवति दशैँपर्वस्य शुभरोजम छ्याक्क पारकम। यता च्याङ्बा परलोक सिधारम तथा दोल्मास्य पिताश्रीअम माफ आग्रह करन चान्स मिलनम, उता च्याङ्ग्रास्य मासु अनेकन मरमसला शृङ्गाराभ्याम पकवान खाने चान्स मिलनम। एक पन्थम द्वेद काजम!
२)द्वि तरिकम-- मैचाङस्य च्याङबास्य पिता समित भेजनम, मरि मरि तथानामि गालि करिनम, ततपश्चात च्याङबास्य पिता अति क्रुद्ध भवति देन श्राप दिस्यति कि "हिज पुत्रस्य जसरि दोल्मास्य पिताको श्रापले च्याङ्ग्रा भवति एन प्रकारेण मैचाङ भि च्याङग्रिणि हुन परोति। ततपश्चास सम्पुर्ण प्रोबलमस्य फिकस्म भवति। च्याङ्गा च्याङग्रि भेटन्ति तथा लभ करन्ति।
लोलम!
Last edited: 23-Sep-08 03:05 PM
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serial
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Posted on 09-23-08 3:11
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अहम् एक तरिकम खुब भालो लागयन्ती, अहम् पनि च्याङ्राको मासु लुछ्न पायन्ती च्याङ्रा पनि चयाङ्बामा परिनत भएन्ती - अनी सोचयन्ति च्याङ्रा को मासु कसरी बनायन्ती, गिद्दी मा बुद्धि पलायन्ती अनी सुकुती पनि बनाउने आइदिया आयन्ती भुटन पनि फ्राइ करयन्ती अनी च्याङ्रा छोयला पनि बनायन्ती अनी तीन पाने सँग चट्ट खायन्ती
Last edited: 23-Sep-08 03:11 PM
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बिस्टे
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Posted on 09-23-08 3:15
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ओ माइ गडन्ती ओ माइ गडन्ती कत्ती हसायन्ती अहँ याहा पेट फुट्न लागन्ती लागन्ती
अहम एक तरिकाम भोट हालन्ती,च्याङ्रास्य कबाब खान पनि मिलन्ती।
लोलन्ती लोलन्ती।
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Rahuldai
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Posted on 09-23-08 3:15
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लोलम लोलम लोलम। अहं लोटपोटम। झन्डै परलोक सिधारम।
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cheli
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Posted on 09-23-08 3:30
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"एकादेशेन
लहरेकान्त लाकौल नामस्य मनुष्य भवति। सो मनुष्य चौपाय, जलचर, थलचर, उभयचर
किट पतंगादि दर्सनाभिलाषि चिडियाघर धावन्ति। टिकट काटन्ति र सरपट भागन्ति।
एत मुमेन्टेन एक ब्याघ्र पिंजडादि तोडन्ति गर्जयन्ति और यसरि धावन्ति
धावन्ति धावन्ति कि लहरे मनुष्य मुखारवृन्द अगाडिस्य पुगियन्ति।ब्याघ्र
लहरेस्य पश्यनति लहरे व्याघ्रस्य पश्यन्ती, एक पश्यन्ति दुइ पश्यन्ति तिन
पश्यन्ती। तदनुपरान्त व्याघ्र फिर से वापस धावन्ति धावन्ति और धावन्ति,
ततपश्चात पुन: पिंजडाभित्रस्य पसन्ती। लास्टमा आएर एक पत्रकारवन्धु पिंजडा
सामिप्य गयन्ती एन्ड व्याघ्रस्य सोधन्ति कि काहे कु एक बार टोडन्ति
पिंजडाभित्र फिर से पसन्ती त व्याघ्र रिप्लायन्ति कि पिंजडा बहिरस्य
सम्पूर्ण मनुष्य यदि लहरेभाँति बिभत्स भवन्ति त उससे बेटर लाइफ
पिंजडाभित्रस्यै भबन्ती। ततपश्चात पत्रकारबन्दू ट्वाँ परन्ति।"
K K bhanya ho k k!! bujhe ni nabujhe ni has uthyo malai......
east or west Maldai is the best..
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cheli
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Posted on 09-23-08 3:34
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serial
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Posted on 09-23-08 3:35
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माथि टाँसेको चिज फेरी किन टाँस्नु पर्यो यो चेली लाई रिस उठन्ती - पाइला बाट टाउको सम्म पुगन्ती -
कस्तो जान्ने भयन्ती यो चेली नामक मनुषी -
हाँसेको मुखमा तीन झिगम परयन्ती लौ जा भनियन्ती
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serial
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Posted on 09-23-08 3:35
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डबल पोस्ट भयन्ती
Last edited: 23-Sep-08 03:35 PM
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cheli
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Posted on 09-23-08 3:39
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Jhiga ko sarap le dinga namarayanti ni lahare!!! hamlai ramro lagya kura 1 palta ta k 10 palta ni lekhna paunti, timle bhanera k bhayanti?
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Rahuldai
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Posted on 09-23-08 3:43
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पूर्व वाक्यंशेन लहरेलाकौल घायल भयन्ती । यसउसले द्वितिय पाद दोहरन्ती। बौचा दुर्बास ऋषिस्य चेला भयन्ती, बुझिम चेली ?
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serial
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Posted on 09-23-08 3:48
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दिङा नमेरेपनी चेली स्वाद लिइ लिइ जिङा चबायन्ती खुब मिठो लागयन्ती है
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cheli
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Posted on 09-23-08 3:51
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malai testa jpt kura chabaune dekhanti ? lahare dherai nihu nakhojanti hai ma sanga ...
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serial
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Posted on 09-23-08 3:54
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आँखानम देखे कुरा भनयन्ती - नभा कुरा बोल्न नआयन्ती आफुलाई भन्दा मुख बिगारन्ती अरुलाई भन्दा मुखारी खोलन्ती अनी हसयन्ती
आँफै निँहु खोजन्ती अरुलाई दोष लगायन्ती
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cheli
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Posted on 09-23-08 3:57
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hamle k nihu kojenti ? hamro maldai le lekhya lura copym pestam ni garna napawanti? kasti dusta lahare Aaja dekhi lahare sanga katti gariyanti!!
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serial
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Posted on 09-23-08 4:00
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कत्ती गरे गरेयन्ती - जे गरे नि गरियन्ती आफुलाई मतलब नभयन्ती दस ठाउँ मा टाँस्न नपायन्ती - एक ठाउँ मा टाँसे पछी पुगयन्ती
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बिस्टे
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Posted on 09-23-08 4:02
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एह केट केटिन्ती किन झगडा करन्ती, खुरुक्क न हात मिलाई गरन्ती। जस्ले हात मिलाई नगरन्ती,
तेस्को कान ठुलदाइ ले निमोठिन्ती।
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